राजभाषा हिंदी का स्थान

राजभाषा हिंदी का स्थान 

भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा और लोकप्रिय भाषा हिंदी है, जो लगभग 41 करोड़ लोगो व्दारा बोली जाती है।  भारत की जनभाषा हिंदी है। भारत में प्रकाशित होने वाले पत्र - पत्रिकाओ की सर्वाधिक संख्या हिंदी  भाषा भाषियों की है।  हिंदी आजादी के आंदोलनों की भाषा थी। हिंदी या हिन्दोस्तानी, पूज्य बापू महात्मा गाँधी का सपना था कि स्वतंत्र भारत का कामकाज अपनी भाषा हिंदी में होगा । गाँधीजी ने तो यहाँ तक खा था कि हिंदी का प्रश्न मेरे लिए स्वराज्य का, भारत की आजादी का प्रश्न है।  स्वतंत्रता आंदोलन के सभी नेता हिंदी को ही राष्ट्र भाषा मानते थे 

किसी भी देश की पहचान उस देश का राष्ट्रीय झंडा, राष्ट्रीय गान, एक संविधान और उस देश की एक राजभाषा होती है। स्वतंत्रता के बाद हमारा अलग संविधान बना, राष्ट्रीय झंडा निर्धारित किया गया, राष्ट्रीयगान तैयार किया गया लेकिन जब राजभाषा का प्रश्न आया तो राजभाषा तय करना कठिन हो गया, क्योकि भारत जैसे विशाल देश में बहुत सी भाषाएं एवं अनगिनत बोलियाँ बोली जाती है। ऐसी स्थिति में सवाल यह उठा कि किस भाषा को राज भाषा बनाया जाये

आखिरकार 14 सितम्बर, 1949 को हमारी संविधान सभा में एकमत से हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार कर लिया ।  स्वीकार इसलिए किया गया क्योकि हिंदी इस देश में सबसे अधिक बोली, लिखी, पढ़ी और समझी जाने वाली भाषा है और लगभग हर भारतवासी इसका प्रयोग करता है इसलिए हिंदी को ही इस देश की राजभाषा का दर्जा दिया गया है



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