भारतीय रेल व्दारा हिंदी के प्रयोग - प्रसार को बढ़ाने क लिए क्या कदम उठाये गये है
- सभी विभागों लिए यह अनिवार्य है की वे अपने कार्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन कराए और संबंधित कार्यालय के कार्यालय अध्यक्ष को इस समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया जाना चाहिए
- समितियों में उचित अनुपात में अहिंदी भाषी अधिकारियो को प्रतिनिधित्व दिया जाये तथा जहां तक हो सके कोशिश की जाये कि किसी भी समिति में आधे सदस्य अहिंदी भाषी हो।
- समिति की बैठक प्रत्येक तिमाही में एक बार अवश्य की जानी चाहिए।
- जो कर्मचारी हिंदी संबंधी प्रतियोगिताओ में पुरस्कृत किये जाते है उन्हें राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में आमंत्रित किया जाये ।
- हिंदी के संदर्भ साहित्य, टाइपराइटरो, टाइपिस्टो, आशुलिपिको आदि को उपलब्ध कराया जाये, और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाये।
- विभागीय तथा पदोन्नति परीक्षाओ में प्रश्नों के उत्तर हिंदी या अंग्रेजी में देने का प्रावधान किया गया है तथा साक्षात्कार भी हिंदी में देने की छूट है।
- प्रशिक्षण संस्थानों में हिंदी माध्यम से प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाये ।
- 'क ' तथा 'ख' क्षेत्र में कार्यरत हिंदी माध्यम से प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षको को कुछ समय के लिए 'ग' क्षेत्र में भेजा जाये।
- हिंदी दिवस/पखवाडा/मास मनाया जाना चाहिए।
- त्रिभाषा सूत्र का कार्यान्वयन सभी राज्यों में लागू है।
- हिंदी कार्य में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए इंदिरा गाँधी राजभाषा पुरस्कार योजना लागू की गई है।
- अधिकारियो व कर्मचारियों को प्रतिवर्ष उनके व्दारा किये गये कार्य के आधार पर नगद पुरस्कार दिये जाते है।
- हिंदी में आशुलिपि और टाइपिंग के लिए प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है।
- हिंदी शिक्षण योजना के अधीन प्रबोध, प्रवीण व प्राज्ञ परीक्षाएं उत्तीर्ण करने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में वृध्दि की गई है।
- नये सरकारी भवनों, उनके परिसरों, सरकारी कार्यक्रमों और परियोजनाओ आदि का नामकरण हिंदी भाषा में हो
- प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस तथा उस दिन से शुरू करके हिंदी सप्ताह मनाए तथा इनमे हिंदी से संबंधित विभिन्न प्रचार सामग्री का प्रदर्शन व वितरण होना चाहिए ।
- हिंदी में कार्य करने की झिझक समाप्त करने हेतु हिंदी कार्यशालाओ का आयोजन करना।
- 'क' क्षेत्र से केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले अधिकारियो व्दारा अधिक से अधिक कार्य हिंदी में किया जाना चाहिए।
- राष्ट्रपति ने लोकसभा के 20 सदस्य तथा राज्य सभा के 10 सदस्यों की एक समिति बनाई जो राजभाषा के प्रचार - प्रसार की समीक्षा कर उसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सोपती है।
- 45 वर्ष से कम आयु वाले सभी कर्मचरियों के लिए हिंदी प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिये।
- जनता से हिंदी में जो भी पत्रादि मिले उनके उत्तर हिंदी में ही दिये जाने चाहिए ।
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