हिंदी का प्रयोग एवं समान्य नियम

हिंदी का प्रयोग एवं समान्य नियम


1. संविधान का अनुच्छेद - 343(i) :- भारत संघ की राजभाषा में लिखी देवनागरी लिपि हिंदी होगी तथा संघ के सरकारी कार्यो में भारतीय अंको के अन्तर्राष्ट्रीय रूपों का प्रयोग होगा

2. संविधान का अनुच्छेद - 343 (ii) :- संविधान लागू होने से 15 वर्ष तक (26 जनवरी 1950 से 26 जनवरी 1965 तक ) अंग्रेजी भाषा सरकारी कार्यो में पूर्ववत चलती रहेगी।  इस अवधि में राष्ट्रपति सरकारी कार्यो में अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी तथा भारतीय अंको के अन्तर्राष्ट्रीय रूप के स्थान पर देवनागरी रूप के प्रयोग को आदेश व्दारा प्राधिकृत कर सकते है 

3. संविधान का अनुच्छेद - 343 (iii) :- संसद 26 जनवरी 1965 अर्थात 15 साल के बाद भी अंग्रेजी भाषा या देवनागरी अंको के प्रयोग को विधि व्दारा विनिर्दिष्ट प्रयोजनों में जारी रख सकेगी

4. राजभाषा आयोग का गठन :- भारतीय संविधान के अनुच्छेद - 344 के अनुसार संविधान के प्रारंभ से 5 और 10 वर्षो की समाप्ति पर राष्ट्रपति हिंदी के विकास और प्रयोग को निश्चित करने के लिए आयोगों का गठन करेगे।  अनुच्छेद 344(i) के अनुसार राजभाषा आयोग का गठन 7 जून, 1955 को बान गंगाधर खेर की अध्यक्षता में हुआ

5. राजभाषा आयोग की सिफारिशे :- 
  • संघ लोक सेवा आयोग व्दारा आयोजित परीक्षाओ में परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी तो बना रहे, किंतु कुछ समय बाद हिंदी को वैकल्पिक माध्यम के रूप में अपना लिया जाये अर्थात परीक्षार्थी अपनी सुविधानुसार अंग्रेजी या हिंदी माध्यम से परीक्षा दे सके
  • संसदीय विधान अंग्रेजी में ही चलता रहेगा किंतु विधि मंत्रालय इसका प्रमाणिक हिंदी अनुवाद उपलब्ध करायेगा
  • उच्चतम न्यायलय की भाषा अंततः हिंदी होगी 
  • सभी प्रदेशो में हिंदी सामान्यत: सभी निर्णयों, नियमो या आदेशो की भाषा होगी 







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