गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग का गठन
गृह मंत्रालय के अधीन 1975 में राजभाषा विभाग की स्थापना की गई । सन 1960 में हिंदी न जानने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए हिंदी सेवा कालीन प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया । इसके बाद 1974 में केन्द्र सरकार के सभी उपक्रमों, निगमों और राष्ट्रीयकृत बैंको आदि में हिंदी प्रशिक्षण को अनिवार्य कर दिया गया। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन विभिन्न स्थानों पर स्थापित केन्द्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान सरकारी कर्मचारियों के लिए हिंदी टंकण, हिंदी आशुलिपि तथा निम्नलिखित की व्यवस्था की जाती है ।
(क) प्रबोध यह प्रारंभिक
पाठ्यक्रम है जिसका स्तर प्राथमिक स्कूल की हिंदी के बराबर है ।
(ख)प्रवीण यह माध्यमिक स्तर
का पाठ्यक्रम है जो मिडिल स्कूल की हिंदी के बराबर है ।
(ग) प्राज्ञ यह अंतिम
पाठ्यक्रम है और इसका स्तर हाई स्कूल की हिंदी के बराबर है ।
(घ) हिंदी टंकण 25 शब्द प्रति मिनट
(ड़) हिंदी आशुलिपि 80/100 शब्द प्रति मिनट
हिंदी प्रवीणता प्राप्त स्टाफ की परिभाषा
यदि किसी कर्मचारी ने -
(क) मैट्रिक परीक्षा या उसकी समतूल्य या उससे उच्चतर कोई परीक्षा हिंदी के साथ उत्तीर्ण कर ली है : या
(ख) केंद्रीय सरकार की हिंदी प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत आयोजित प्राज्ञ परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है
(ग) यदि वह इन नियमों के उपाबध्द प्रारुप में घोषणा करता है कि उसने हिंदी का ज्ञान प्राप्त कर लिया है, उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है ।
हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान (नियम 9 और 10 देखिए )
यदि वह यह घोषणा करता है कि उसे हिंदी में प्रवीणता प्राप्त है और वह हिंदी का कार्य साधक ज्ञान रखता है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिंदी में प्रवीणता प्राप्त कर ली है ।
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