क्या आप जानते है
- 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा व्दारा हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकृति दी गई है।
- 10 मई 1963 को राजभाषा अधिनियम पारित हुआ।
- राजभाषा अधिनियम वर्ष 1963 में पारित हुआ था और उसका संशोधन 1967 में हुआ था।
- 26 जनवरी 1965 को राजभाषा अधिनियम की धारा 3 (3) लागू हुई।
- राजभाषा अधिनियम के अनुसार 26 जनवरी 1965 से राजभाषा अग्रेजी है।
- 28 जून 1976 को राजभाषा नियम बनाया गया।
- हिंदी माध्यम से सम्पूर्ण शिक्षा देने वाली देश की पहली संस्था गुरुकुल कांगणी, हरिद्वार है।
- भारत में सबसे पहले हिंदी में एम्. ए. पाठ्यक्रम कलकत्ता विश्वविद्यालय ने शुरू किया था।
- राजभाषा कर्मियों को अनुवाद प्रशिक्षण हेतु केद्रीय अनुवाद ब्यूरो, नई दिल्ली भेजा जाता है।
- केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो की स्थापना 1973 में नई दिल्ली में हुई ।
- मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है।
- हिंदी दिवस 14 सितम्बर को मनाया जाता है।
- राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा - 9 के अनुसार धारा - 6, और 7 जम्मू एंड कश्मीर पर लागू नही होती है।
- संसद व्दारा राजभाषा संकल्प 18 - 1- 1968 में पारित किया गया।
- केन्द्रीय हिंदी समिति का गठन 5 सितम्बर, 1967 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में किया गया ।
- शास्त्रीय भाषा के रूप में तमिल भाषा को दर्जा दिया गया है।
- राजभाषा हिंदी का प्रयोग बढ़ाने एवं इसके प्रचार - प्रसार कर लिए रेलवे बोर्ड व्दारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका का नाम 'रेल राजभाषा" है।
- राजभाषा हिंदी का प्रयोग बढ़ाने एवं इसके प्रचार - प्रसार के लिए मध्य रेल व्दारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका का नाम "रेल सुरभि" है।
- संविधान के अनुच्छेद 120 में संसद की भाषा के लिए प्रावधान है प्रशासनिक हिंदी का ज्ञान कराने वाले पाठ्यक्रमो के नाम प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ है ।
- प्रबोध परीक्षा केवल दक्षिण भारतीय के लिए है राजभाषा विभाग गृहमंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- प्रबोध, प्रवीण, व प्राज्ञ, हिंदी शिक्षण योजना का प्रशिक्षण है।
- प्रबोध परीक्षा केवल दक्षिण भारतीय के लिए है।
- राजभाषा विभाग गृहमंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- HTS का पूरा अर्थ हिंदी ट्रेंनिग स्कीम है।
- प्रबोध, प्रवीण, व प्राज्ञ परीक्षा का शैक्षिणक स्तर क्रमशः प्रबोध - (प्राथमिक ) पांचवी की हिंदी, प्रवीण - मिडिल स्कूल की हिंदी व प्राज्ञ - हाई स्कूल की हिंदी के बराबर होता है।
- राजभाषा नियम तमिलनाडु राज्य को छोडकर सम्पूर्ण भारत पर लागू है।
- प्रथम राजभाषा आयोग का गठन 7 जून, 1955 में हुआ, जिसके अध्यक्ष श्री बान गंगाधर खेर थे ।
- प्रथम राजभाषा संसदीय समिति का गठन 1957 में हुआ जिसके सभापति श्री पं. गोविन्द बल्लभ पंत थे।
- भारत में हिंदी का पहला समाचार पत्र "उदंत मार्तण्ड" था, जिसका सम्पादन श्री जुगल किशोर शुक्ल ने दिनांक 30 - 5 - 1826 को किया।
- राष्ट्रभाषा के समांतर राजभाषा शब्द के प्रयोग का प्रस्ताव श्री सी. राज गोपालाचारी किया।
- हिंदी संसदीय राजभाषा समिति में 30 सदस्य होते है जिसमे लोक सभा से 20 तथा राज्य सभा से 10 सदस्य होते है।
- हिंदी सलाहकार समिति की बैठक की संख्या वर्ष में न्यूनतम दो होती है राजभाषा कार्यान्वयन समिति में बैठको की संख्या वर्ष में चार (तीन माह में एक बार ) होती है।
- राजभाषा कार्यान्वयन समिति में बैठको की संख्या वर्ष में चार (तीन माह में एक बार ) होती है।
- हिंदी की लिपि देवनागरी है।
- अंतर्राष्ट्रीय अंको का अविष्कार भारत में हुआ था।
- राष्ट्र संघ को हिंदी भाषा में संबोधित करने वाले प्रथम भारतीय प्रतिनिधि श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी है।
- राष्ट्रसंघ को हिंदी भाषा में संबोधित करने वाले व्दितीय भारतीय राजनेता श्री पी.वी. नरसिंहराव जी (विदेश मंत्री) है।
- त्रिभाषा सूत्र का अभिप्राय प्रादेशिक भाषा, हिंदी व अंग्रेजी से है।
- उच्चतम न्यायलय की प्राधिकृत भाषा अंग्रेजी है।
- राजभाषा नियमानुसार हिंदी कार्यान्वयन की जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख की है।
- सरकार की राजभाषा नीति संबंधी जानकारी देने वाली सर्वोच्च समिति 'केन्द्रीय हिंदी समिति' के नाम से जानी जाती है ।
- रेल हिंदी सलाहकार समिति का सचिव निदेशक राजभाषा (रेलवे बोर्ड) होता है।
- मंडल स्तर पर राजभाषा कार्यान्वयन समिति का अध्यक्ष मंडल रेल प्रबंधक होता है।
- 'ग' क्षेत्र में स्टेशनो के नाम बोर्ड तीन भाषाओ में जिसमे क्रमानुसार प्रादेशिक भाषा, हिंदी तथा सबसे नीचे अंग्रेजी में होने चाहिए।
- राजभाषा के रूप में हिंदी दिवस 14 सितम्बर को मनाया जाता है।
- राजभाषा नीति के कार्यान्वयन हेतु वार्षिक कार्यक्रम गृह मंत्रालय से जारी होता है।
- स्टेशनो के नाम में सबसे ऊपर क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग होता है।
- राजभाषा नियमानुसार व्दिभाषी रूप में प्रश्न पत्र देना अनिवार्य होता है।
- केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों में रबड़ की मोहरे व्दिभाषी (हिंदी और अंग्रेजी में) होनी चाहिए।
- क्षेत्रीय रेल प्रशिक्षण संस्थान, भुसावल के वाचनालय का नाम श्री जयशंकर प्रसाद पुस्तकालय एवं दूर संचार केंद्र है ।
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