राजभाषा हिंदी के प्रयोग को और अधिक बढ़ने हेतु सुझाव

राजभाषा हिंदी के प्रयोग को और अधिक बढ़ने हेतु सुझाव 


वर्तमान में मध्य रेल का क्षेत्र घटकर मराठी भाषी इलाके तर्क सीमित रह गया है और मराठी तथा राजभाषा हिंदी के शब्दों में काफी हद तक समानता है अत: मराठी भाषी कर्मचारी बड़ी आसानी से हिंदी बोल, पढ़, लिख और समझ सकता है। इसलिए मेरा सुझाव है कि मराठी भाषी इलाके वाले मध्य रेल पर राजभाषा हिंदी को प्रयोग करने के लिए बढ़ावा देने में कोई मुश्किल नही है।
आवश्यकता थोड़े प्रयास करने की है। इसके लिए हिंदी कार्यशालाएं चलाई जा सकती है, कर्मचारियों को टेबल ट्रेनिंग दी जा सकती है। हिंदी सेमिनारो, प्रतियोगिताओ का समय - समय पर आयोजन किया जा सकता है। कार्यालयों में प्रयुक्त रजिस्टर, डायरियो के कॉलम हिंदी में लिखे जा सकते है। डायरिया हिंदी में भरवानी चाहिये।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ पत्रकार और अनुशासन की कार्यवाही हिंदी में की जानी चाहिये। विभागीय बैठको की कार्यवाही हिंदी में की जानी चाहिये, तथा अधिकारी अपनी निरिक्षण टिप्पणियाँ हिंदी में जारी कर सकते है।  छुटटी/ पास /पी.टी. ओ. के आवेदन और दौरा का कार्यक्रम हिंदी में जारी करना चाहिये। मेरा यह भी सुझाव है कि मध्य रेल जैसे अहिंदी भाषी क्षेत्र में राजभाषा का प्रयोग यहाँ की स्थानीय और प्रचलित अंग्रेजी शब्दों को देवनागरी में लिखकर किया जाना चाहिये ताकि हिंदी में काम भी हो और सम्प्रेषण में भी कोई अड़चन न आये।


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